बिहार न्यूज़ लाइव /हाजीपुर डेस्क : डॉ0 संजय (हाजीपुर)–स्थानीय चित्रगुप्त घाट स्थित भगवान चित्रगुप्त मन्दिर के परिसर में भारतीय संविधान के प्रथम सभापति डा0 सच्चिदानंद सिन्हा की 150 वीं जयंती मनाई गई।
सभा की अध्यक्षता मन्दिर कमिटी के अध्यक्ष सह अभाकाम के जिला अध्यक्ष डा0 रंजन ने किया ।
सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने फूल और माला चढा कर अपनी -अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। शिक्षाविद एवं चित्रगुप्त मन्दिर के मुख्य संरक्षक, सुरेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता के रुप में अभकाम के प्रदेश शिक्षा प्रकोष्ठ के रवींद्र कुमार रतन ने श्रद्धा निवेदित करते हुए कहा कि डा0 सच्चिदानंद सिन्हा को जाति-धर्म की सीमा में नही बांधा जा सकता है।वे भारतीय संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष थे और उनके प्रयास का ही परिणाम है कि बंगाल से अलग बिहार राज्य की स्थापना हुई।विधान सभा की जमीन, सिंन्हा लाईब्रेरी,बोर्ड आफिस की जमीन आदि न जाने क्या-क्या योगदान है ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में डा0 रंजन ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत के संविधान निर्माताओं में से एक तथा बिहार का निर्माता बताया एवं युवा सम्भाग के महासचिव, रंजीत श्रीवास्तव एवं मन्दिर के उपाध्यक्ष उमेश बाबू ने भी फूल चढा कर श्रद्धांजलि अर्पित की । सभा मे मुख्य रुप से वरीय उपाध्यक्ष चुन्नू बाबू ,बब्बू , उमेश प्रसाद सिंह ने अपने विचार रखे । सब ने मिल कर मांग किया कि उन्हें भारत रत्न की उपाधि एवं उनकी प्रतिमा पटना मे लगाई जाए ।
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