डा विद्याभूषण श्रीवास्तव/अखिलेश्वर पांडेय
बिहार न्यूज लाईव@जलालपुर,सारण
संस्कारित शिक्षा ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए उक्त बाते सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने जलालपुर के कन्या मध्य विद्यालय मे शिक्षक दिवस पर आय़ोजित शिक्षक सम्मान समारोह मे कही ।उन्होने शिक्षको को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यवस्था को सुधारने के लिए संकल्प लेकर शिक्षा देने की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि अंग्रेजो ने शिक्षा व्यवस्था चौपट कर देश को बर्बाद करने का कार्य किया।वही आजादी के बाद कुछ शिक्षा में सुधार हुआ ।जिससे देश के विकास की शुरुआत हुई।पहले छात्र गुरुकुल में जाकर आश्रम में रहकर संस्कार सीखते थे।संस्कार व संस्कृत पढ़ने से देवत्व का भाव आता था।लेकिन आजादी के बाद शिक्षा पर पूर्ण ध्यान नही दिया गया।जिससे देश का यथोचित विकास नही हो पाया।अब शिक्षा के विकास के लिए सरकार संकल्पित हैं।देश, प्रदेश की सरकार शिक्षा पर अलग से बजट बनाकर कार्य कर रही हैं।जिससे देश का विकास दर बढ़ा हैं।देश को बढ़ाना है तो शिक्षा में सुधार लाना होगा।लेकिन पिछले दिनों में शिक्षा की व्यवस्था में हास हुआ हैं।समानता की कमी से शिक्षक भी पढ़ाने में रुचि नही ले रहे है।
व्यवस्था समाप्त कर ही शिक्षा व्यवस्था मजबूत की जा सकती हैं।शिक्षक का पद सम्मान का नाम हैं।जिससे विद्या प्राप्त कर ही कोई पदाधिकारी बनता हैं। सम्मान समारोह मे अवकाश प्राप्त दो दर्ज़न शिक्षको के साथ सौ से अधिक शिक्षकों को सम्मान में अंगवस्त्र देकर सांसद ने सम्मानित किया । वहीं शंकरदयाल सिह महाविद्यायलय में प्राचार्य कमल किशोर सिह ने भी अवकाश प्राप्त प्राचार्य मृगेन्द्र कु शर्मा को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। मौके प्रधानाध्यापक उमेश तिवारी, प्रो राजेश्वर कुंवर अखिलेश्वर पांडेय,मो इसराफिल, मणीन्द्र पांडेय रामकुंमार सिह अरुण कु सिह नागेन्द्र ओझा,नीतीश पांडेय संजय सिह उमेश सिह,सीमा देवी कुसुमावती उपाधयाय,मधुसूदन दुबे रमेश तिवारी ललन देव तिवारी, मनोज पांडेय,सन्देश सिह शिवजी सिह मनोज मिश्रा मंकेश्वर मिश्रशैलेन्द्र सिंह इंसाफ अली रामेश्वर मिश्र मनीष कुमार जलेश्वर पंडित सहित कई अन्यशिक्षक व ग्रामीण भी थे ।
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