अर्जुन कुमार झा/समस्तीपुर/खानपुर/खानपुर प्रखंड 19 पंचायत का है लेकिन इस प्रखंड में किसानों को देखने वाला कोई नहीं है।वहीं किसान भी हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप बैठे हुए हैं।
उक्त बातें स्थानीय जिलापार्षद स्वर्णिमा सिंह ने सम्बदता से कही।उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कम तापमान के वजह से मक्का के बाली में दाना नही लगे थे।किसानों की व्यथा देखने प्रखंड समन्वयक खेतों तक गए।जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।परंतु आज तक लाभ कुछ नहीं मिला।इस बार कम वर्षा के वजह से धान की फसल जल गया है।किसानों ने डीज़ल अनुदान के लिए फार्म भी ओन लाइन किया जिसमें कई किसानों को अनुदान का लाभ भी नहीं मिल सका।कितने किसान लोगो को तो 4 एकड़ भूमि के लिए मात्र 500 रु ही मिले।आहत होकर किसानों ने ऑनलाइन करना नहीं चाहते हैं।इस कारण सहकारिता विभाग के द्वारा फसल बीमा भी नहीं हो रहा है।अद्यतन रिपोर्ट पर नज़र डालें तो 19 पंचायत में से 11 पंचायत ऐसे हैं जहाँ 100 किसानों ने भी ऑनलाइन बीमा नही करा सकें हैं।कृषि विभाग के कर्मी के लाख प्रयास के बावजूद पंचायत अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर सका है।लक्ष्य से पीछे रहने वाले पंचायत कानुविशनपुर, खैरी,जहांगीरपुर,शोभन,दिनमानपुर उत्तरी, रेबड़ा,श्रीपुरगाहर पश्चिमी, खानपुर उत्तरी एवं दिनमनपुर दक्षिणी, हसनपुर,सिबैसिंगपुर हैं।एक पंचायत ऐसा है नत्थुद्वार जंहा रैयती किसानों से अधिक 177 गैर रैयती किसानों ने बीमा कराया है।
जिलापार्षद ने अधिकारियों से मांग की है कि सही किसानों को लाभ दिलाने हेतु आवश्यक कदम उठाया जाय।ताकि वे सरकार द्वारा दिये जाने वाले लाभ प्राप्त कर सके एवं अपनीं आय को बढ़ा सकें।
अब देखना यह है कि 31 अक्टूबर तक कृषि विभाग के प्रयास से कितने किसानों का बीमा हो पाता है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर पातें हैं या नही।
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