अर्जुन कुमार झा/समस्तीपुर/खानपुर:बिहार के सरकारी स्कुलो में सर्व शिक्षा के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च किया जा रहे लेकिन जिला के कुछ ही दुरी पर चल रहे सरकारी स्कुल अपनी हैरान कर देने वाली व्यवस्था को सामने लाकर रख दिया है।इस व्यवस्था का खामियाजा यहाँ पढ़ने वाले मासूम बच्चे भुगत रहे ।
खानपुर प्रखंड अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय कानू विशनपुर स्कुल विभाग के लापरवाही के कारण अपनी दुर्दशा पर आँशु बहाने को विवश है।वहीँ दूसरी ओर यहाँ पढ़ने वाले बच्चो के ऊपर मौत ने अपना पहरा लगा दिया है।कब किस बच्चे को अपने चपेटे में ले लें।
कहना मुश्किल है। इस स्कुल में क्लास वन से लेकर आठवां तक के बच्चों को पढ़ा कर उसके भविष्य को सवारा जाता है।लेकिन इसके भविष्य को सवारने से ज्यादा यहां पढ़ने वालो बच्चो को पढ़ाई से ज्यादा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना पड़ता है।क्योंकि यहां के जर जर भवन और दरारे पड़ी छत किस समय अपनी चपेटे में बच्चे को ले ले ये कोई नहीं जनता है बच्चो की एक नजर किताबो पर होती है तो दूसरी नजर छत की ओर होती है यहाँ पढ़ाने वाले शिक्षक भी दहसत में रहते है क्योंकि एक बार हादसा हो चुका है।जोखिम भरा उस विद्यालय के बारे में पूछने ताछ करने पर उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिव शंकर चौधरी ने बताया कि मेरे विद्यालय में नामांकित करीब 7सौ 65 बच्चे नामांकित है।जो की बच्चे एवं शिक्षक ने जीवन और मौत से खेल कर उस भवन में बच्चो को पढ़ाई कराते है।इस खतर नाक जर जर भवन रहने के कारण प्रधानाध्यापक् शिवशंकर चौधरी ने शिक्षा विभाग को कई बार लिखित आवेदन देकर जर जर भवन के बारे में इसकी सुचना प्रखंड प्रसासन से लेकर जिला के अधिकारीयों तक दे दी गयी है।लेकिन अधिकारियों लोगो का ध्यान इस ओर नही है।वही स्थानीय लोगो ने बताया कि इस विद्यालय के जर जर भवन में पढ़ने वाले बच्चों के साथ किसी समय घटना हो सकती है।लेकिन सरकार को इस ओर कोई ध्यान नही है।ना ही कोई अधिकारी को।इस विद्यालय में अपनी भविष्य सवारने आते बच्चे को किसी समय छत के नीचे अपनी जान गवानी पड़ेगी।
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