रोसड़ा/समस्तीपुर/सुमन मिश्रा/अमित गुप्ता;:पुराने सचिवालय में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए चलाये जा रहे “सेल्फी विद् ट्री” मुहीम के प्रणेता ट्रीमैन राजेश कुमार सुमन, सह प्रणेता व किसान के लाल रामलाल प्रसाद और इंजिनीयर अभिषेक कुशवाहा के साथ एक विशेष बैठक का आयोजन किया। बैठक के दौरान सबसे पहले सदस्यों ने “सेल्फी विद् ट्री” मुहीम के उद्देश्यों और मिशन से उप मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।पर्यावरण को बचाने के लिए मुहीम के सदस्यों नें 8 महत्वपूर्ण बिन्दुओं को सरकार को अमलीजामा पहनाने के लिए एक स्मारपत्र सौंपा।
8 प्रमुख सुझाव निम्नलिखित है-
1.गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने जाने वाले तमाम स्थल पर ध्वजारोहण के उपरांत राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का रोपण होना चाहिए। इसके अलावे विभिन्न कार्यक्रमों का उद्घाटन या शिल्यान्यास के दौरान फीता काटने या दीप प्रज्ज्वलित करने के बदले पौधारोपण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ होना चाहिए।विभिन्न महापुरुषों के जयंती व पुण्यतिथि,शहीदों के शहादत पर उनके याद में पौधारोपण किया जाना चाहिए।
2.विभिन्न विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र,मेडल के साथ-साथ एक-एक पौधा भी दिया जाय।
3.विभिन्न स्कूल-काॅलेजों में सत्रारम्भ व विदाई समारोह के दौरान फूल-माला के बदले फलदार पेड़ देकर विदाई करने की परम्परा की शुरुआत किया जाना चाहिए।
4.जन्मदिन व शादी के सालगिरह पर केक काटने के बजाय पौधारोपण कर इको फ्रेंडली जन्मदिन मनाने का बढावा दिया जाय।जिससे वाले पीढियों में पौधारोपण कर जन्मदिन या फिर शादी के सालगिरह मनाने की परंपरा विकसित हो जाय।
5.शादी से पहले फलदान कार्यक्रम में 5 विभिन्न प्रकार के फल देने के बदले 5 विभिन्न प्रकार के फलदार पौधा देने के लिए बढावा दिया जाय। जिससे आने वाले समय में एक परम्परा बन जाय।चूंकि शादी से पहले फलदान कार्यक्रम आयोजित होता है,जिसमें लड़की पक्ष वाले लड़के पक्ष वाले को अपने सामर्थ्य के अनुसार 5 विभिन्न प्रकार के फल भेंट करते हैं,जो उनकी बेटी खा नहीं पाती है। उनके होने वाले दमाद,दमाद की माॅ,पिता और भाई-बहन फल खाकर खत्म कर देते हैं।अगर फल के बदले पौधा दिया जाता है तब वो पौधारोपण कर दिया जायेगा। आने वाले चार-पांच वर्ष में पेड़ से फल फलेगा तो बेटी,दमाद और नाति-नतिनी सब मिलकर फल खायेंगे और पर्यावरण संतुलन भी बना रहेगा।
6.विभिन्न शादी-समारोह,मुंडन,जनेऊ,छट्ठी,शादी के सालगिरह,जन्मदिन जैसे मांगलिक अनुष्ठानो के आयोजन के पर महंगे गिफ्ट या चुमावन के बदले इको फ्रेंडली गिफ्ट के रूप पौधा देने के लिए बढावा दिया जाना चाहिए।
7.राजनेताओं व उच्चाधिकारियों से शिष्टाचार मुलाकात के दौरान बुके के बदले पौधा भेंट करने की परम्परा की शुरुआत किया जाना चाहिए।इसके लिए उच्चाधिकारियों व राजनेताओं को अपने आवास या फिर कार्यालय में नेमप्लेट में इसका उल्लेख किया जाना चाहिए।
8.सरकार के द्वारा हर आंगन या दरवाजा पर वृक्ष योजना का शुरुआत किया जाना चाहिए।
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