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रिश्वत के बलबूते पर उठाया शिक्षक ने वेतन, विद्यालय की संपत्ति को भी बेचा निजी संपत्ति के रूप में

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नीरज कुमार सिंह
बिहार न्यूज लाइव@गोपालगंज

“बर्बाद गुलिस्तां करने को एक ही उल्लू काफी है, हर शाख पर उल्लू बैठा हो तो हाल ए गुलिस्तां क्या होगा?”

उक्त लोकोक्ति शिक्षा विभाग के लिए सटीक बैठ रही है। बात एक दो जगहों की नहीं बल्कि पूरे सूबे की कर ली जाए तो पूरा का पूरा विभाग लचर साबित हो रहा है। बात चाहे छात्रवृत्ति की हो, मिड डे मील की हो या फिर भवन निर्माण की उसमें कहीं ना कहीं घोटाले का मामला प्रकाश में आ ही जाता है। इसी तरह के एक घोटाले को उजागर किया है तरुण विकास मंच के संयोजक मनीष ऋषि ने।

मनीष के अनुसार बैकुंठपुर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले मध्य विद्यालय हकाम के प्रधानाध्यापक ब्रजकिशोर सिंह के द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से विद्यालय का निर्माण करवाया गया। जो कि वर्तमान समय में भी अधूरे अवस्था में ही है। साथ ही पूर्वजों द्वारा बनवाए गए भवन में लगे बहुमूल्य लकडियां ईंट व एलवेस्टर को भी उन्होंने बिना नीलामी के निजी संपत्ति के रूप में बेच दिया। मनीष कहते हैं कि 31 जनवरी 2018 को सेवानिवृत्त होने के बावजूद भी इन्होंने अपना प्रभार सह प्रधानाध्यापक को अभी तक नहीं सौंपा है। साथ ही अपनी रंगदारी दिखाते हुए वे विद्यालय के महत्वपूर्ण कार्यों को भी बाधित कर रहे हैं।

इनके द्वारा 2014-15 में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी बंदरबांट बनकर रह गई। इन्होंने 2015-16 में शिक्षण का कोई भी कार्य नहीं किया। बिना किसी सूचना के विद्यालय में अनुपस्थित रहते हुए भी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से वेतन का लाभ उठाया। जो कि सीधे तौर पर शिक्षा विभाग के नियमों की अवहेलना है। इस संबंध में स्थानीय निवासियों द्वारा कई बार शिक्षा विभाग में इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई गई, पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जिसके बाद तरुण विकास मंच के संयोजक ने खुद बिहार लोक शिकायत में एक परिवाद दर्ज कराते हुए विभाग के खिलाफ ठोस कार्यवाही करने की मांग की है।

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