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मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने 1 अक्टूबर को मिथिला विकास बोर्ड की मांग को लेकर मिथिला बंद का किया एलान।

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रिपोर्टर:-अर्जुन कुमार झा/समस्तीपुर/खानपुर/ प्रखंड क्षेत्र के उच्च विद्यालय शाहपुर के परिसर में रविवार को मिथिला स्टूडेंट यूनियन के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।जिसमें 5 अगस्त को MSU के द्वारा दिल्ली के मंडी हाउस से सांसद मार्ग तक मिथिला विकास बोर्ड की मांग को लेकर लॉन्ग मार्च का आयोजन किया गया था उसी मांग को तय रणनीति के तहत केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष मजबूती से मांग रखने हेतु MSU द्वारा मिथिला बंद का आह्वान1अक्टूबर को किया गया है।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए समस्तीपुर के जिलाध्यक्ष सरफराज आलम ने कहा की बेरोजगारी,मजदूर पलायन,उद्योग सहित कई चीनी मिल बन्द होने के कारण गरीबी के शिकार मिथिला को पूर्णतः विकसित करने हेतु मिथिला स्टूडेंट यूनियन के संघ के कार्यकर्ता ने संकल्प लेते हुये इस बंद के माध्यम से हम अपनी मांग मुकवधिर सरकार व अधिकार से वंचित आम जनता तक पहुँचना चाहने का काम करेंगे।मिथिला विकास बोर्ड ने मांग किया है कि मिथिला में 7 करोड़ मैथिल आम जनता है।जिसकी की यह मांग समाज के हितों के लिये लोगो को जनजीवन के विकास का राह प्रशस्त करेगा।
जिला सचिव हसीब हाशमी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान के धारा 371(A-J) में विकास के आधार पर ऐसे क्षेत्र जो उद्योग-धंधे एवं मिलों के बन्द होने से बेरोजगारी-पलायन और गरीबी चरम पर है। हर साल यह क्षेत्र बाढ़ के चपेट में आता है और करोड़ों लोगों की जिंदगी प्रभावित होती है ऐसे क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार व्यवस्था करे।मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने सरकार से मांग किया है कि पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सेपरेट “डेवलपमेंट बोर्ड” का गठन करे ताकि विकास करने में सहूलियत हो सके।यह क्षेत्र आर्थिक-शैक्षणिक-स्वास्थ्य-सामाजिक-राजनीतिक आदि हर तरीके से बिहार के अन्य क्षेत्रों से मिथिला क्षेत्र पीछे है।और देश के अन्य क्षेत्रों के तुलना में इसका स्तर निम्नतम है।इस नाते इस मिथिला क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।मिथिला स्टूडेंट यूनियन संघ ने आह्वान किया है कि अगर सरकार इस मिथिला क्षेत्र को विकास में किसी तरह की अनसुनी किया तो उग्र आंदोलन जारी रहेगा।वही
जिला कोषाध्यक्ष श्याम मिश्रा ने कहा की समस्तीपुर में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के मिलीभगत से हजारों लोगों को रोजगार देने वाली रामेश्वरी जुटे मिल को साजिस के तहत बंद कर दिया गया ताकि यहाँ के लोग सस्ते मजदूर बन कर देश के महानगरों में पलायन करे आजादी 40 साल के बाद भी समस्तीपुर जिला में कई लाखों लोग है फिर भी जिला में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं है।सरकार की दोहरी नीति के कारण आज हमारा क्षेत्र पिछड़ेपन का शिकार है और नौजवान बेरोजगार है।यह हमारे क्षेत्र के गरीब जनता के साथ सरकार चल कर रही है।साथ ही उन्होंने कहा की यह बन्दी पूर्णतः हिंसा मुक्त होगा और मिथिला यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह के परीक्षा को बंद से मुक्त रखा गया है।परीक्षार्थी को MSU के कार्यकर्ता सहयोग करेंगे।प्रेस कांफ्रेंस के मौके पर राजेश मंडल,आजाद इम्तेयाज़,शाहनवाज़,राजन कुमार,गोलू कुमार,अमरजीत कुमार,राहुल कुमार ,दीपक कुमार,सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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