पूर्णिया के दीपक कुमार हिमांशु हुए राष्ट्रीय स्तर पर बेंगलुरु में यूट्यूब के सीईओ से सम्मानित, मिल रही है लोगों की बधाइयां
– अपने घर के शैक्षणिक माहौल से मिली प्रेरणा, माता पिता थे पथ प्रदर्शक
लगन कुमार, जिला ब्यूरो, पूर्णिया : पूर्णिया के युवा लेखक दीपक कुमार हिमांशु ने राष्ट्रीय स्तर पर यूट्यूब के सीईओ से अवार्ड पाकर पूर्णिया का नाम किया रौशन। मिल रही है लोगों की बधाईयां। दीपक ने कहाउनका उद्देश्य है कि देश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है और उन्हें डिजिटल मार्ग से अवगत कराकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके लिए वह सतत प्रयास करते हैं। ज्ञात हो कि राष्ट्र के बड़े शैक्षिक मंच ‘अनएकेडमी’ ने देश भर के शिक्षकों में से 9 चुनिंदा शिक्षकों को अलग-अलग सम्मान से सम्मानित किया है। जिसमें पूर्णिया जिले के लेखक और ऑनलाइन शिक्षक दीपक को ‘इंडिया मोस्ट पॉपुलर पिपुल चॉइस अवॉर्ड’ से नवाजा गया है, यह अवार्ड ऐसे शिक्षक को दिया जाता है जिनके पढ़ाने के तरीके को ज्यादा से ज्यादा लोग पसंद करते हैं I इसके लिए देशभर के शिक्षकों की ऑनलाइन व ऑफलाइन वीडियो लेक्चर, विद्यार्थियों के रेटिंग और कमेंट साथ-साथ अलग तकनीकों का सहारा लिया जाता है I सम्मान के दौरान शैक्षिक मंच ‘अनएकेडमी’ के सीइओ रोमन साइनी ने कहा कि दीपक बहुत ही प्रतिभावान शिक्षक हैं और बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और अंतरात्मा से शिक्षार्थियों को शिक्षा देने में लगे रहते हैं, यही कारण है कि देश के विद्यार्थी ने इन्हें खूब पसंद किया है।
यहां बता दें कि दीपक ने हाल हीं में शिक्षक प्रशिक्षण हेतु दो पुस्तक ‘समावेशी संदर्भ में बच्चों को समझना’ तथा ‘समुदाय एवं प्रारंभिक शिक्षा’ की रचना हिंदी तथा अंग्रेजी माध्यम में की है, जो देश भर में काफी चर्चित हुई हैंI दीपक ने यूट्यूब चैनल ‘ योर ऑनलाइन पार्टनर’ के संस्थापक भी हैं। जहां उनके वीडियो को 3 करोड़ से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है तथा करीबन चार लाख लोग इन्हें प्रतिदिन फॉलो करते हैंI दीपक एक शिक्षक पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं, उनके पिता ‘प्राण मोहन झा’ और माता ‘ नीलम झा’ हैं दोनों ही शिक्षक हैं और शिक्षा से समाज की सेवा करने के लिए लेखक की प्रेरणा और सफलता के मार्गदर्शक हैं। लेखक के पिता श्री झा को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम प्रणव मुखर्जी द्वारा वर्ष 2016 में बेहतरीन शिक्षा और समाज सेवा के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया और राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार भी प्रदान भी किया थाI लेखक दीपक बताते हैं कि वे बचपन से हीं अपने परिवार में शैक्षिक वातावरण देखा है और समाज के लिए इस प्रयास की प्रेरणा उन्हें अपने माता- पिता से हीं मिली है। लेखक का मानना है कि वे जिस भी कार्य में हैं वहां छोटे स्तर पर वे भी समाज सेवा की शुरुवात कर सकते हैं।
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