रिपोर्ट रामराज सिंह बक्सर
शिशा कभी शील नहीं होता , आसमां में कभी बिल नहीं होता, यु ही पैदा तो सभी लोग होते हैं लेकिन गुड्डू जैसा दिल नहीं होता। एक साधारण सा रूप में दिखने वाला पुरी तरह विकलांग गुड्डू उर्फ राज कुमार का नाम बुद्धिजीवीओ और सभ्य समाज में बड़े ही आदर से नाम लिया जाता है। तीन भाईयों में बड़े हंसमुख एवं मिलनसार किस्म के राज कुमार के बिकास पर काली बादल छा गई थी, लेकिन अपने दिमागी उपज से जरनेटर ,टेन्ट लाईट का कारोबार करके न केवल अपने पुरा परिवार का खर्च सम्भाले है। बल्कि कमाई का कुछ अंश अनाथालय में दान करतें हैं। साथ ही साथ समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। बिगत दिनों बाली फिल्ड में हुए छात्र पति शिवा जी कल्ब के ओर भब्य देवी जागरण प्रोग्राम का ब्यवस्थापक के रूप पहचान हुई थी। ईनके नेक बिचार और सुन्दर सोच का समर्थक सोनबरसा सहीत इलाके के बुद्धिजीवी है।जो ईनके ईशारे पर एक पैर पर खड़ा रहते हैं। एक प्रशन के जबाव में सोनबरसा के रत्न राज कुमार ने कहा कि अपना वतन छोड़ युवा वर्ग बाहर बिदेश कमानें के लिए जाता है। जबकि मुख्यमंत्री नितीश कुमार के सरकार में रोजगार का अवसर का लाभ कोई लेने वाला नहीं है। मेरा तो पैर ही नहीं है। मालिक सिर्फ शरीर और दिमाग के साथ हिम्मत दिए हैं। समाज सेवा के बदौलत अगर समाज मन से सहयोग करेगी तो मैं आजीवन कुंआरा रहते हुए राजनीति के दुनिया में कदम रख कर बिहार के मानचित्र पर बिकलागो का अलग पहचान बनाउंगा, ताकी हमारे बिहार में एक आदर्श और सभ्य समाज का निर्माण हो सके
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