रामराज सिंह बक्सर
भारत रत्न डाक्टर भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार करने वाले बक्सर जिले के कुरान सरैया स्थित रेजिडेंशियल बाल शिक्षा निकेतन स्कूल इन दिनों शिक्षा को लेकर काफी सुर्खियों में चल रहा हैं।, शिक्षित बनो संगठित बनो का नारा बुलंद करते हुए ग्रामीण इलाके में शिक्षा का वरदान साबित हो रहा है । जहां 300 से अधिक बालक और बालिकाएं रेजिडेंशियल स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
दूरदराज से आए बच्चों के गार्जियन की कमी नहीं खाले इसके लिए माता, पिता से बढ़कर भी स्नेह और आदर के साथ शिक्षा रूपी अमृत की घुट पिलाई जाती है । इन्हें शिक्षित करने के लिए बिहार के बाहर से आए शिक्षक और शिक्षिका हैं जो इंग्लिश मीडियम से बच्चों को तालिम दे रहे हैं । एक प्रश्न के जवाब में सम्मानित शिक्षा बिंद शिशुपाल चौधरी ने बताया की स्कूली बच्चे प्रत्येक वर्ष यहां से निकलकर छात्र अन्य राज्यों में जाकर शिक्षा का जलवा बिखेर रहे हैं। जहानाबाद निवासी रेजिडेंशियल बाल शिक्षा निकेतन के डायरेक्टर हंसमुख एवं मिलनसार किस्म के संतोष कुमार ने बताया कि यहां पर होनहार बच्चों के प्रतिभा को तलाश कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जाता है आज भी यहां के बच्चे नेतरहाट, सैनिक, समतूला आदि विद्यालयों में जाकर स्कूल सहित अपने अभिभावकों का नाम रोशन कर रहे हैं, सरैया इलाके के 100 किलोमीटर के परिधि में पड़ने वाले गांव सहित अन्य जिला के बच्चे यहां आकर बेहतर भविष्य तलाश रहे हैं जहां प्रधानमंत्री के नारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कि मर्यादा को कायम रखते हुए बालिकाओं की फीस में 50 पर्सेंट की छूट दिया जाता है, वही अनाथ ,बेसहारा बच्चों का शिक्षा बिल्कुल निशुल्क रखा गया है, ताकि गरीब बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर एक आदर्श समाज के निर्माण करने में अपनी सहभागिता निभाएं।
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