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पूर्वी चंपारण: प्रतिबंध के बावजूद केसरिया क्षेत्र में शराब का कारोबार धड़ल्ले से जारी

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नीरज कुमार सिंह/असरफ
बिहार न्यूज लाइव@पूर्वी चम्पारण

केसरिया प्रखंड क्षेत्र के कुछ ऐसा भी गांव है, जहां अभी भी ताडी व शराब का कारोबार होता है। जैसे सुन्दरापूर, सरोत्तर, चांदपरसा, सहित अन्य पंचायतों के कस्बों में धड़ल्ले से नशीले पदार्थ शराब व ताड़ी बीक रहे हैं। लेकिन प्रशासन की नजर शायद वहां तक नहीं पहुंच रही है या इसे प्रशासनिक विफलता भी कहा जा सकता है।कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केसरिया बाजार में भी बहुत ऐसे अवैध शराब कारोबारी है जिनकी चांदी कट रही है। वहीं उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र के सभी इलाके में लगभग शराब की अवैध ढंग से बिक्री हो रही है। देशी से लेकर विदेशी तक के शराब ऊंचे दामों और सिर्फ पहचान वाले लोगों को बेंची जाती है। हालांकि कहीं ताड़ी की आड़ में तो कही बांसवाड़ी झाड़ में,, इन सभी स्थानों पर रोक के बाद भी चोरी छिपे ताड़ी की आड़ में शराब की आये दिन बिक्री हो रही है।

शराब के शौकीन लोगों को प्रतिदिन ऐसे चोरी छुपे चलने वाली दुकानों से शराब मिल जाती है। लेकिन, इस बात की भनक न तो पुलिसकर्मियों को होती है और ना ही उत्पाद विभाग के कर्मियों को, जिसके कारण अवैध शराब का धंधा तेजी से चल रहा है। बिहार सरकार की ओर से शराब पर लगाये गये प्रतिबंध का असर केसरिया प्रखंड में बेअसर दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि बिहार में शराब बंदी नहीं बल्कि शराब महंगी की घोषणा की गई है। कई स्थानों पर रोक के बाद भी चोरी छिपे कालाबाजारी कर ताड़ी के नाम पर शराब की बिक्री हो रही है। शराबबंदी को लेकर सरकार द्वारा कई तरह के कानून बनाये गये हैं। उत्पाद विभाग की ओर से अब तक चलाये गये अभियान में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उत्पाद विभाग तथा प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अभियान का भय शराब के शौकीन लोगों में नहीं देखी जाती है।

शाम ढलते ही चोरी छिपे बेचने वाले शराब कारोबारी के मोबाइल पर खरीदारों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी चोरी छिपे बनायी जा रही महुआ शराब प्रतिबंध के बावजूद भी क्षेत्र के एकांत इलाकों में चोरी-छिपे महुआ शराब का निर्माण किया जा रहा है। रात के अंधेरे में महुआ मीठा से शराब का निर्माण कर इसको ग्राहकों के बीच पहुंचाई जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्यवस्था धड़ल्ले से चल रही है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं होती है। कई लोगों ने तो बताया कि एकांत इलाका होने के कारण पुलिस इन क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाती है। जिसका फायदा अवैध शराब निर्माण से जुड़े लोग उठाते है। लेकिन उत्पाद विभाग व स्थानीय पुलिस विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

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