राकेश अनंत कन्हैया
बिहार न्यूज लाइव@धमदाहा,पूर्णियां
पूर्णिया जिला के धमदाहा प्रखंड के बीएनसी डिग्री कॉलेज में अवैध वसूली किये जाने को लेकर कॉलेज के एक छात्र ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ एसडीओ को लिखित आवेदन दिया है. आवेदन देने वाले छात्र का नाम संदीप कुमार है, जो बीएनसी डिग्री कॉलेज के स्नातक के पार्ट वन का छात्र है. छात्र ने अपने आवेदन में लिखा है कि वह 02 नवंबर को स्नातक पार्ट वन का फॉर्म भरने गया. उसने ऑफिस से फॉर्म लेने के बाद फॉर्म भरकर जब काउंटर पर जमा करने गया तो, उससे 2100 रूपये मांगा गया. जबकि यूनिवर्सिटी के द्वारा जेनरल -ओबीसी छात्र-छात्राओं के लिए फॉर्म शुल्क 940 रुपये एवं एस-एसटी छात्र-छात्राओं के लिए 590 रूपये ही निर्धारित किया गया है. बावजूद इसके उससे 2100 रूपये मांगा गया. आगे छात्र ने लिखा है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उसके पास 2100 रूपये नहीं होने के वजह से 02 नवंबर शनिवार को छात्र बिना फॉर्म जमा किये ही वापस घर लौट आया. घर आने के बाद उसने किसी रिश्तेदार उधार रूपये लेकर अगले दिन 03 नवंबर को कॉलेज में फॉर्म जमा करने पहुंचा. लेकिन उस दिन भी छात्र को यह कहकर लौटा दिया गया कि यूनिवर्सिटी के द्वारा फॉर्म लेने के लिए मना कर दिया गया है. जबकि उस दिन दूसरे छात्रों से फॉर्म जमा लिया गया. ज्ञात हो कि इस कॉलेज के में ऐसी घटना कई बार हो चुकी है. इससे पहले भी कॉलेज में एक छात्रा से मार्कशीट निकालने के लिए राशि की मांग की गई थी, तो स्नातक प्रेक्टिकल के परीक्षा में कॉलेज कर्मी द्वारा खुलेआम रूपये लिए जाने का वीडियो वाइरल हुआ था. जिसे स्थानीय अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था. इतना कुछ हो जाने के बावजूद अभी भी कॉलेज प्रबंधन खुलेआम छात्रों से अवैध उगाही कर रहे हैं. पर इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है, जबकि यह कॉलेज अनुमण्डल मुख्यालय से महज कुछ कदमों की दुरी पर ही स्थित है. अब देखना यह है कि क्या इस बार पीड़ित छात्र को इंसाफ मिलता है, या फिर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर मामला को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. हालांकि इस संबंध में एसडीओ ने निष्पक्ष जांच की बात कही है. तो वहीं कॉलेज के प्रभारी प्रधानचार्य गिरीश कुमार सिंह ने अपने उपर लगाए गए सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि विगत बीस वर्षों से इस कॉलेज में जो शुल्क निर्धारित की गई है. वही इस बार भी लिया जा रहा है. फार्म जमा नहीं लेने की बात पर उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की तरफ से दिनांक 02 नवम्बर को फार्म भरने पर तत्काल रोक लगा दी गई. इसलिए दो नवम्बर के बाद फार्म जमा नहीं लिया गया है.
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