पंचायत और नगर के युद्ध मे पटना का चार पंचायत, 2016 के बाद नही बन रहा पीएम आवास,सरकार का अन्य कार्य पंचायत के फार्मूले पर,परेशान और हैरान है सैकड़ो जरूरतमंद
बिहटा,11अक्टूबर,(हि.स.)।एक ओर भारत के प्रधानमंत्री 2022 तक देश में सभी गरीबों को अपना की बात कर रहे है ,वहीं दूसरी और पंचायत और नगर पंचायत के युद्ध मे पटना जिले के चार पंचायतों में 2016 के बाद से आवास योजना का लाभ गरीबों को नही मिल रहा है।जबकि आवास योजना और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र छोड़कर इन चार पंचायतों का और कार्य पंचायत के प्रावधान के अनुसार हो रहा।यह हाल बिहार कें सुदुर इलाके की नहीं बल्कि राजधानी के बिहटा प्रखंड के श्रीरामपुर, बिहटा, राघोपुर और अमहरा पंचायत की है।दो वर्षों से पीएम आवास और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनने से यहां के लोग परेशान हैं।प्रखंड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यहां के 22 पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो वर्ष में 2400 लोगो को आवास योजना का लाभ का मिलने का लक्ष्य है।यदि उस अनुपात को मान लिया जाए तो दो वर्षों में इन चार पंचायतों के 400 लोग आवास योजना से वंचित है।सबसे मजेदार बात यह है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी गरीबों को मिलता है।फिर भी लाभ नहीं मिल रहा है।
यह बताते है चारो ग्राम प्रधान-
इस संबंध में प्रभावित पंचायत श्रीरामपुर की मुखिया राधिका देवी,राघोपुर की रिंकी देवी, बिहटा की फूलपतिया देवी और अमहरा के मुखिया रामनरेश सिंह का कहना है कि उनलोगों की शिकायत पर उपविकाश आयुक्त ,पटना कार्यालय से पता चला कि 2009 में चारो पंचायतों को मिलाकर नगर पंचायत में गठन किया गया था। उस समय पटना न्यायालय ने अधिसूचना को स्टे तथा 2011 में रद्द कर दिया था।फिर भी 2010-11 में इन पंचायतों का आर्थिक -सामाजिक जनगणना कर इसकी डाटा इंट्री नगर पंचायत के अनुसार करके भेज दिया गया था।जिसके कारण इन पंचायतों की सूचि वहीं फंसा हुआ है।प्रखंड के 22 पंचायतो में आवास योजना के लिये सूची आ रहा है,लेकिन चार पंचायतों में नही आया है। इस संबंध में नगर एवं आवास विभाग में माननीय मंत्री को भी पहले आवेदन दिया गया था।इनलोगों का कहना है कि अधिसूचना रद्द किये जाने के बाद चारो पंचायत में पंचायत का चुनाव भी हुआ था। अभी तक चारो पंचायत है।इस संबंध में चारों पंचायत के मुखिया ने मुख्यंमत्री नीतीश कुमार,उप विकास आयुक्त ,नगर विकास विभाग, माननीय केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य और सूबे के नगर विकाश एवं आवास मंत्री को पत्र भेजकर जल्द से जल्द मामले को जल्द से जल्द निष्पादित करने की मांग की है। है,ताकि पीएम का सपना,’ सबका घर हो अपना” का सपना पूरा हो सके।उनका कहना है कि वे लोग पिछले वर्ष से ही प्रखंड से लेकर जिला तक अपनी फरियाद कर रहे है।मामला अभी तक टॉय-टॉय फिस्स है।
अन्य सभी काम पंचायत के अनुरूप
शैक्षणिक,औधौगिक और अन्य मामलों में तेजी से विकशित इन पंचायतो में ग्रामीण क्षेत्र का और सभी लाभ मिल रहा है।2016 तक बीपीएल सूचि के अनुसार आवास योजना का लाभ मिलता रहा है। मनरेगा,मुख्यमंत्री सात निश्चय एवं अन्य हो योजना पंचायत के अनुरूप चल रहा है।
अवमानना का है मामला-
इस संबंध में अमहरा पंचायत के पूर्व मुखिया डॉ० आनंद का कहना है कि इन पंचायतों का बहुत कार्य वाधित है।सरकार न्यायालय के आदेश का अवमानना की है।उनका कहना है कि विकाश के नाम पर 2009 में इन पंचायतो को जोड़कर आनन-फानन में नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया था।गठन की घोषणा के बाद मामला पटना उच्च न्यायालय गया था।उस समय पंचायतों की 75 प्रतिशत भूमि में कृषि कार्य होता था।उनका कहना है कि नगर पंचायत का गठन वहीं होता है जहां पर 75 गैर कृषि कार्य होता है।उनका कहना है कि जब 2009 में पटना उच्च न्यायालय ने नगर पंचायत की अधिसूचना को जब स्टे तथा 2011 में रद्द कर दिया था।तो फिर 2010-11 ने इन चार पंचायतों का सामाजिक और आर्थिक जनगणना शहरी प्रावधान के अनुसार क्यों और किसके आदेश पर किया गया।यह समझ से परे और न्यायालय का अवमानना है।अभी तक नगर पंचायत का गठन नही हुआ है।अब यह इलाका तेजी से विकसित हो रहा है।अधिकांश भूमि विकाशील,विकसित और आवासीय हो गये है। किसान तत्कालित बाजार भाव का रेट मांग रहे हैं,लेकिन सरकार उनकी बात को नजर अंदाज कर अभी भी जमीन का अधिग्रहण ग्रामीण क्षेत्र के अनुसार ही कर रही है।
बीडीओ ने कहा – सुलझ जायेगा मामला-
इस मामले में बिहटा के प्रखंड विकास पदाधिकारी विभेष आनंद का कहना है कि अभी वे हाल ही में यहां योगदान दिये है। सबंधित विभाग से यह अनुरोध किया गया है कि जल्द दिशा निर्देश दे,ताकि जनता की शिकायत दूर किया जा सके।उन्होंने कहा कि इन पंचायतों का सामाजिक और आर्थिक जनगणना की डाटा इंट्री ग्रामीण विकाश विभाग मंत्रालय भारत सरकार के पास है।अब प्रधानमंत्री आवास का लिस्ट वहीं से बनकर आता है।उनके दिशा निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी।जनता की परेशानी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।इससे जन्म और मृत्य प्रमाण पत्र-बनाने में कठिनाई हो रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/किशोर
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