संजीव कुमार•
पटना, गुरुवार 11 अक्टूबर को पुराना सचिवालय के सामान्य प्रशासन विभाग में तैनात सहायक दिल की बीमारी से पीड़ित ललितेश्वर कुमार को कॉरिडोर में दिल का दौरा पड़ा जिससे उनकी मौत हो गयी।
ललितेश्वर सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे तभी उनकी छाती में दर्द की शकायत हुई। जब वे कॉरिडोर में पहुंचे तो दिल का दौरा पड़ने से अचेत हो कर गिर पड़े। प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं थी। कैबिनेट की बैठक होने के कारण सचिवालय के उत्तरी और दक्षिणी गेट बंद थे। ललितेश्वर अचेत हो कर गिरे तो उनको तत्काल इलाज की जरूरत थी। लिफ्ट का प्रयोग आम कर्मचारियों के लिए वर्जित था। उस समय एम्बुलेंस की सुविधा मौजूद नहीं थी। इसकी वजह से ललितेश्वर कुमार को अस्पताल पहुंचाने में देर हो गयी, जिससे उनकी मौत हो गयी।
हिदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्यलूर के किसान प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष रवि भूषण उर्फ बेला यादव ने आरोप लगाया कि सचिवालय सहायक ललितेश्वर कुमार की मौत का जिम्मेदार नीतीश कुमार है। लिफ्ट की सुविधा से आम कर्मचारियों को वर्जित क्यों रखा गया ?*
*सरकारी दफ्तर में सुविधाओं के इस्तेमाल पर आम और खास में फर्क क्यों है ? लोकतांत्रिक व्यवस्था से चुनकर आने वाले नीतीश कुमार क्या राजा है ?*
बिहार सरकार का सचिवालय जहाँ से पूरा बिहार का बागडोर व प्रशासन चलता है। हज़ारों कर्मचारी काम करते हैं, उनके लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एम्बुलेंस तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
हम (से)पार्टी मुख्य सचिवालय, विश्ववेश्वरैया भवन, विकास भवन एवं नया सचिवालय में अबिलम्ब प्राथमिक स्वास्थ केंद्र एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की माँग की है।
बेला यादव ने कहा कि आम और खास में फर्क किये बगैर लिफ्ट की सुविधाएं सभी को मिलनी चाहिये।
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