‘डायल 100′ कार्यक्रम शुभारंभ,डीएम और एसपी के बीच काम को लेकर तालमेल का अभाव बर्दाश्त नही-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
संजय कुमार सुमन
सम्पादक@बिहार न्यूज़ लाइव
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार पुलिस की जनोपयोगी ‘डायल 100′ कार्यक्रम का रिमोट कंट्रोल के माध्यम से शुभारंभ किया। संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस और प्रशासन को जनता के प्रति उत्तरदायी, पारदर्शी और बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अफसरों के इगो प्रॉब्लम की वजह से प्रशासन ढीला पड़ जाता है। इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है। थानों में तैनाती करते वक्त सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखना होगा।लोगों की अपेक्षाएं बढ़ती जा रही हैं इसलिए व्यवस्था को पारदर्शी बनाना होगा ताकि लोगों को कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी मिल सके.कानून व्यवस्था, अपराध और अन्य मुद्दों के संदर्भ में प्रत्येक महीने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव जबकि प्रत्येक 15 दिन पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक समीक्षा बैठक करें ताकि लंबित मुद्दों का तत्काल समाधान हो सके। डीएम और एसपी के बीच समन्वय की कमी नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक शनिवार को प्रत्येक थाने के थानेदार और अंचलाधिकारी की बैठक भी गंभीरता से होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार देखने में आया है कि डीएम और एसपी के बीच काम को लेकर तालमेल नहीं होता। डीएम समझते हैं कि मैं तो आईएएस हूं फिर आईपीएस के साथ क्यों बैठक करूं। रैंक को लेकर गतिरोध पैदा हो जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह विभाग के प्रधान सचिव इस बात को देखें कि डीएम और एसपी के स्तर पर समन्वय कैसा है? दोनों शासन के प्रमुख अंग हैं और उनमें तालमेल का होना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन से जुड़े विवादों की वजह से हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। राज्य में होने वाले अपराध में 60 प्रतिशत के पीछे जमीन का विवाद होता है। यह देखना चाहिए कि क्या जमीन के विवादों में अधिकारियों की भी मिलीभगत है?जमीन के झगड़ों की वजह से अपराध बढ़ा है। इस मामले में यह देखना होगा कि इस विवाद में कहीं प्रशासनिक तंत्र तो नहीं शामिल है। जैसे- जैसे जमीन की कीमत बढ़ रही है, इससे जुड़े विवाद भी बढ़ रहे हैं। अधिकारियों को मुस्तैद रहना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दिनों कई ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें देखा जा रहा है कि मौके पर पहुंची पुलिस पर लोग हमला कर रहे हैं। बालू माफिया और शराब का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा ऐसी घटनाएं कर रहे हैं। इसे मामले को गंभीरता से लेना होगा और पुलिस को सख्ती से पेश आना होगा।संविधान के अनुसार कानून का राज कायम करना राज्य सरकार की पहली जिम्मेदारी है। इसके लिए पुलिस को कानूनी अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों का सदुपयोग करिए, दुरुपयोग नहीं। सरकार पुलिस को सभी सुविधाएं दे रही है, लेकिन आपसे अपेक्षा भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना जिले में ‘डायल 100′ वर्ष 2014 से ही लागू है जिसे विस्तार करके पूरे बिहार में आज से लागू किया गया। नीतीश ने कहा कि गश्त पर पूरा ध्यान होना चाहिए। इसके लिए जिन साधनों की आवश्यकता होगी, सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।इस जनोपयोगी सेवा में पुलिस के अलावा आगजनी, दुर्घटना, आपदा जैसी अन्य घटनाओं को भी संसूचित करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संसाधन की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।हजार करोड़ रुपये की भी जरूरत पड़ेगी तो उपलब्ध कराया जायेगा ।उन्होंने कहा कि अब कहीं से भी कोई व्यक्ति 100 नंबर डायल करेगा उस पर तत्काल कार्रवाई होगी। पुलिस मुख्यालय ने बताया कि सूचना मिलने के बाद शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट के अंदर जबकि गांवों में 30 से 35 मिनट के अंदर कार्रवाई होगी।
कार्यक्रम को मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी एवं गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने भी संबोधित किया।
क्या है डायल 100 : डायल 100 एक महत्वकांक्षी योजना है। बिहार के किसी भी हिस्से से इस नम्बर पर कॉल कर पुलिस से मदद मांगी जा सकती है। पटना जिला पुलिस कार्यालय में इसके लिए अत्याधुनिक कंट्रोल रूम बनाया गया है। 24 घंटे काम करनेवाले इस कंट्रोल रूम में 70 पुलिसकर्मी एक शिफ्ट में काम कर रहे हैं। इसे बढ़ाकर 90 करने की योजना है। फिलहाल यहां 180 लाइन है, यानी एक बार में इतने कॉल आ सकते हैं। हालांकि अभी 150 लाइन पर फोन आ सकतें है बाकी के 30 लाइन आउट गोइंग कॉल के लिए रखे गये हैं। यानी डायल 100 पर आनेवाले कॉल पर पुलिस की कार्रवाई के लिए कंट्रोल रूम के ही 30 फोन लाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य के सभी थानों के नम्बर यहां मौजूद हैं और जिस थाने से संबंधित मामला होगा उसे तुरंत फोन कर सूचना दी जाएगी।
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