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गोपालगंज: आसमानी आग ने फूंकी विधवा की झोपड़ी, घर के सारे सामान हुए जलकर खाक

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नीरज कुमार सिंह/रंजीत कुमार मिश्र
बिहार न्यूज लाइव@पंचदेवरी

जिस दिन देश भर के लोग अपने घरों को छोटे-छोटे दियों से सजा रहे थे। फुलझड़ीओं की रोशनी से घर को जगमग कर रहे थे। घर में सुख शांति के लिए पूजन-हवन आदि कर रहे थे। उसी समय स्थानीय प्रखंड के महुआवा गांव में अग्नि जमकर तांडव मचा रही थी। गांव की ही स्व. रामजश पटेल की 45 वर्षीय पत्नी उषा देवी सहयोग के लिए गुहार लगा रही थी। एक तरफ जहां लोग आग उगलने वाले पटाखों के साथ कौतुक कर रहे थे, तो वहीं वह आग की लपटों को काबू करने का प्रयास कर रही थी पर उस समय उस महिला के लिए यह संभव न था। पटाखों की शोर की वजह से उनकी चीख भी न काम आ सकी। पटाखों की शोर के सामने उनकी आवाज भी दब गई।

जब तक लोग उनके सहयोग के लिए पहुंचते तब तक सारा का सारा घर जलकर खाक हो गया। ये शुक्र मनाइए भगवान का कि उनकी आंखें लगी न थी। नहीं तो परिणाम कुछ दूसरा ही होता। ग्रामीणों ने तो किसी भी तरह आग बुझा दिया परंतु घर में रखे सामान, अनाज, बर्तन व जरूरी कागजात जलकर खाक हो गए। बताया जा रहा है कि रात के दस बजे उषा अपनी 70 वर्षीय सास के संग अपने घर में एकाध दीप जलाकर भोजन करके चारपाई पर लेट गई। बाहर पटाखों का शोर हो रहा था और उनसे प्रकाश भी निकल रहा था। जब उनके छप्पर पर आग लगी तो उन्हें लगा कि शायद कोई आकाशी फुलझड़ी की रौशनी है। यह उसी की रौशनी हो सकती है पर उन्हें क्या पता कि यह आकाशी फुलझरी उनके लिए आफत बन जाएगी। देखते ही देखते घर में आग की लपटें बढ़ने लगी और सारा घर कुछ ही मिनटों में धराशाई हो गया।

रातभर वे खुले आसमान के नीचे अपनी तबाही का नजारा देखकर बिलखती रही। जब सुबह हुई तो ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल पदाधिकारी डॉ. आनंद कुमार विभूति को दी। घटना की सूचना पाते ही डॉ. विभूति घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। डा. विभूति के द्वारा तत्काल स्थानीय जन वितरण प्रणाली के दुकानदार से पीड़िता को तत्काल 50 किलो अनाज व रहने के लिए तिरपाल मुहैया करवाया गया। साथ ही उन्होंने प्रखंड प्रशासन की तरफ से अनुदान के रूप में मिलने वाले 9800 रूपये को भी अति शीघ्र देने का आश्वासन दिया। मौके पर अशोक राम, मनु श्रीवास्तव, विश्वकर्मा बैठा मोती चंद मुन्ना लाल सहित अनगिनत लोग मौजूद थे।

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