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कटिहार:स्कूल भवन नहीं होने से बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर

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 तौक़ीर रज़ा

बिहार न्यूज लाइव@कटिहार

राज्य सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए भवन नहीं होने से सरकार के सारे दावों की पोल खुल रही है।कटिहार जिला अन्तर्गत बरारी प्रखण्ड के प्राथमिक विद्यालय गणेश स्थान को विद्यालय में भवन नहीं होने से बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर है। बरसात के दिनों में बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। प्रधानाध्यापक कुमारी शर्मिला ने बताया कि इस स्कूल को भवन नहीं रहने से यहां पढ़ने वाले बच्चों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है, स्कूल में 114 बच्चे अध्ययनरत हैं,और कुल शिक्षक4 है जिनकी पढा़ई के लिए अभिभावक परेशान है। जिससे बच्चों के लिए पोषाहार भी खुले में ही पकाया जाता है, लेकिन कमरों का निर्माण नहीं होने से बच्चे खुले में बैठकर पढ़ने को मजबूर है,आगे प्रधान अध्यापक कुमारी शर्मिला ने बताया कि 2007से ही इसी बिहार सरकार और मंदिर की जमीन पर बच्चों को पढ़ा रही हूँ जब बाढ़ का समय आता है तो बांध पर किसी के दरवाजे का सहारा लेकर वहीँ बच्चों को तालीम दी जाती है,लेकिन शिक्षा विभाग की सुस्त रवैये के कारण इस स्कूल को अबतक भवन नहीं मिला है,जब मैं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास इस शिकायत को लेकर पहुंचती हूँ तो मुझे भरोसा दिलाया जाता है कि अभी बिहार सरकार से भवन का कोई आवंटन नहीं है केंद्र सरकार से जब आवंटन मिलेगा फिर भवन निर्माण कार्य किया जायेगा ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों को आए दिन कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

आएदिन इस स्कूल में पदाधिकारी और मिडिया की आना जाना लगी रहती है मात्र भरोसा दिया जाता है।जब बच्चे पढ़ने बैठते हैं तो अवाड़ा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है,हमेशा डर सा लगा रहता है कहीं इन अवाड़ा कुत्तों के दुवारा बच्चों के साथ कोई हादसा नहीं हो जाए ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं।गौरतलब है कि केंद्र सरकार के “सर्व शिक्षा अभियान” को क्रियान्वित करने में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। जिले के बरारी ब्लॉक प्राथमिक विद्यालय गणेश स्थान में114 नौनिहालों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल में भवन नहीं रहने से सर्व शिक्षा अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है। इसके चलते बच्चे खुले आसमान के नीचे क, ख, ग, घ सीखने को मजबूर हैं, स्कूल परिसर में पेयजल, बिजली और शौचालय समेत दूसरी सभी सुविधाएं नदारद हैं। स्कूल तक पहुंचने के लिए संपर्क मार्ग भी नहीं। बच्चे पगडंडी के सहारे जैसे तैसे स्कूल पहुंचते हैं। बड़ी बात ये है कि इतनी बड़ी अव्यवस्था के बाद भी अफसर बेखबर हैं। साफ जाहिर है कि जिला व ब्लॉक मुख्यालयों मे बैठे विभागीय अधिकारी गांव के स्कूलों तक पहुंचते ही नहीं।

बरारी ब्लॉक के टोंगी प्राथमिक विद्यालय का माजरा है यहां पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2008-09 मे स्कूल का निर्माण शूरु हुआ। चार साल बीत गया लेकिन स्कूल अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ। हैरत की बात तो यह कि 2012,13में फिर नए भवन निर्माण के लिए 8लाख रुपए मिले जिसे प्रधान अध्यापक गबन कर बैठे हुए हैं,शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं। स्कूल भवन मे अभी तक ठीक से न तो दरवाजे लगे हैं और न ही खिड़की। कमरों का फर्श भी अब तक कच्चा है। स्कूल के भवन में दरार आ गई है।

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